BASIC STRUCTURE OF HISTORY
शशांक शर्मा :
"इतिहास" एक परिचय :
इतिहास भूतकाल की घटनाओं का मुख्य लेखा-जोखा है। इतिहास अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से वर्तमान को प्रेरित करता है और भविष्य के लिए दिशा निर्देशन का कार्य करता है। इतिहास विषयक परम सूची में हमें राष्ट्रीय सामाजिक सांस्कृतिक जीवन की सुंदर झांकी देखने को मिलती है। किसी भी वैश्विक मंच पर उसके उद्भव, विकास, पतन , त्याग-बलिदान स्वाभिमान विजय-पराजय राजनीति, धार्मिक नीति, सभ्यता व संस्कृति कला तथा साहित्य आदि के संदर्भ में इतिहास द्वारा प्रमुख ज्ञान बोध होता है। जिससे उन घटनाओं का वैज्ञानिक परिवेश में अध्ययन हो सके। इस प्रकार अतीत को ही वर्तमान संदर्भ में इतिहास का नाम दिया है जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पूर्ण समावेश हो तथा अध्ययन पूर्णत: निष्पक्ष तथा इमानदारी पूर्वक किया गया हो।
Definition of history:
इतिहास शब्द 3 शब्दों ( इति + ह + आस ) से मिलकर बना है,जो अस् धातु, लिट् अलंकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) जिसका तात्पर्य "ऐसा निश्चित रूप से हुआ था"
ग्रीक-यूनानी भाषा में इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द मिलता है जिसका अर्थ "बुनना" होता है , अतः ज्ञात ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित तरीके से बुनना या वैज्ञानिक ढंग से क्रमबद्ध करना ही इतिहास का पुनर्निर्माण है। सर्वप्रथम इतिहास को प्रकाश में लाने का श्रेय "हेरोडोटस"को जाता है,
जिन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "हिस्टोरीका" लिखी इसीलिए हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहते हैं father of history "Herodotus"
"विभिन्न विद्वानों द्वारा इतिहास की परिभाषा"
★प्रोफ़ेसर ई. एच. कार के अनुसार : वस्तुत: इतिहास, इतिहासकार तथा तथ्यों के बीच अंतक्रिया की अविच्छिन्न प्रक्रिया तथा वर्तमान और अतीत के बीच अनवरत परिसंवाद है।
★आर. जी. कॉलिंगवुड के अनुसार : इतिहासकार ऐतिहासिक अभिनेता के विचारों की पुनरावृत्ति के अतीत का पुननिर्माण करता है।
★ हेनरी पिरेन के अनुसार : इतिहास समाज में रहने वाले मनुष्य के कार्यों और उपलब्धियों की कहानी है।
★प्रोफेसर J B ब्यूरी के अनुसार :इतिहास साहित्य की एक शाखा नहीं है वह एक विज्ञान है न उससे कम और अधिक।
★ महाभारत में इतिहास की परिभाषा धर्म अर्थ काम और मोक्ष से संबंधित है।
इस प्रकार इतिहास की परिभाषा में हमें विभिन्न विद्वानों के विभिन्न मत दिखाई देते हैं।
General meaning of history :
इतिहास मनुष्य के अतीत के दीर्घावधिक सफलताओं की ओर बढ़ते हुए कदमों के क्रमबद्ध अध्ययन को इतिहास कहते हैं। जहां आदिम बर्बर मानव निरंतर संघर्ष करता हुआ , विभिन्न परिस्थितियों से लड़ता हुआ पत्थरों को छोड़ वह ग्रामीण परिवेश में आया , अपने आप को विकसित किया और फिर धीरे-धीरे तेजी से सफलताओं की ओर बढ़ा बड़े-बड़े साम्राज्य निर्मित किए। कृषि संपन्न उपजाऊ क्षेत्रों पर कब्जा किया, व्यापार वाणिज्य को प्रोत्साहन दिया, भाषा एवं लिपि में सुधार किया, अर्थात आवश्यकता अनुसार मानव ने अपना बौद्धिक विकास किया। जिससे एक समृद्ध संस्कृति अथवा सभ्यता का जन्म हुआ , जो वर्तमान संदर्भ में हमें जीने की कला और भविष्य के लिए दिशा निर्देश देती है अर्थात इतिहास स्वर्णिम भविष्य रचता है फलस्वरूप मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है, और इतिहास उसे विकास की ओर तेजी से अग्रसित करता है।
Geographical background of history :
इतिहास के अध्ययन के लिए उसके भौगोलिक पक्ष महत्वपूर्ण रूप से उत्तरदाई होते हैं। भौगोलिक दृष्टिकोण से तात्पर्य भौगोलिक परिवेश में मानव जीवन जलवायु पर निर्भर करता है। जलवायु परिवर्तन नदियों का मार्ग बदल जाना क्रूर आक्रमणकारियों द्वारा आक्रमण की संभावनाएं आदि क्षेत्रीय विषमताओं का अध्ययन ऐतिहासिक शोध के लिए आवश्यक है। सदियों से भारतीय इतिहास के संदर्भ में हम पढ़ते आए हैं कि उत्तर-पश्चिम से अनेकों आक्रमणकारी अनेकों समुदायों ने भारत की ओर अपना रुख किया जिसे निर्जलीकरण की प्रक्रिया कहा जाता है । फलस्वरुप जीविकोपार्जन हेतु उत्तम जलवायु प्रदेश की और प्रवास करना । भारतीय इतिहास में हमने यूनानी, शक , कुषाण , हुणों आदि को भारत में शक्तिशाली आक्रांता ओं के रूप में देखा - पढ़ा जो पश्चिम की बदलती भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आए और भारतीय समृद्ध प्रदेशों पर राज्य किया और भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया जो उनके अभिलेखीय साक्ष्य और सिक्कों से पुष्टि होती है। इस संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के प्रोफेसर द्विजेंद्र नारायण झा और कृष्ण मोहन श्रीमाली के अनुसार एक निश्चित कालक्रम के संड कालक्रम के संदर्भ मे मानव संस्कृति व जिवोम ( Biome ) और आवास ( Habitate ) के दोनों पक्षों (मिट्टी एवं जलवायु)के बीच पारस्परिक संबंध । अर्थात कोई भी मानव संस्कृति निश्चित कालक्रम में एक दूसरे को करने वाले तीन कारकों के बीच संतुलन कायम रखती है। यदि इस संतुलन में कोई गंभीर बाधा आने लगती है तो परिवर्तन होने शुरू हो जाते है और इस प्रकार एक नवीन संतुलन स्थापित होता है। यह मानव संस्कृति का पारिस्थितिकी दृष्टिकोण कहलाता है।
इस प्रकार इतिहास विषय में भौगोलिक एवं ऐतिहासिक कारक महत्वपूर्ण रूप से उत्तरदाई रहते है जो इतिहास के क्रमबद्ध व्यवस्थित अध्ययन के लिए आवश्यक है।
शशांक शर्मा
इतिहास शोधार्थी
"इतिहास" एक परिचय :
इतिहास भूतकाल की घटनाओं का मुख्य लेखा-जोखा है। इतिहास अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से वर्तमान को प्रेरित करता है और भविष्य के लिए दिशा निर्देशन का कार्य करता है। इतिहास विषयक परम सूची में हमें राष्ट्रीय सामाजिक सांस्कृतिक जीवन की सुंदर झांकी देखने को मिलती है। किसी भी वैश्विक मंच पर उसके उद्भव, विकास, पतन , त्याग-बलिदान स्वाभिमान विजय-पराजय राजनीति, धार्मिक नीति, सभ्यता व संस्कृति कला तथा साहित्य आदि के संदर्भ में इतिहास द्वारा प्रमुख ज्ञान बोध होता है। जिससे उन घटनाओं का वैज्ञानिक परिवेश में अध्ययन हो सके। इस प्रकार अतीत को ही वर्तमान संदर्भ में इतिहास का नाम दिया है जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पूर्ण समावेश हो तथा अध्ययन पूर्णत: निष्पक्ष तथा इमानदारी पूर्वक किया गया हो।
Definition of history:
इतिहास शब्द 3 शब्दों ( इति + ह + आस ) से मिलकर बना है,जो अस् धातु, लिट् अलंकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) जिसका तात्पर्य "ऐसा निश्चित रूप से हुआ था"
ग्रीक-यूनानी भाषा में इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द मिलता है जिसका अर्थ "बुनना" होता है , अतः ज्ञात ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित तरीके से बुनना या वैज्ञानिक ढंग से क्रमबद्ध करना ही इतिहास का पुनर्निर्माण है। सर्वप्रथम इतिहास को प्रकाश में लाने का श्रेय "हेरोडोटस"को जाता है,
जिन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "हिस्टोरीका" लिखी इसीलिए हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहते हैं father of history "Herodotus"
"विभिन्न विद्वानों द्वारा इतिहास की परिभाषा"
★प्रोफ़ेसर ई. एच. कार के अनुसार : वस्तुत: इतिहास, इतिहासकार तथा तथ्यों के बीच अंतक्रिया की अविच्छिन्न प्रक्रिया तथा वर्तमान और अतीत के बीच अनवरत परिसंवाद है।
★आर. जी. कॉलिंगवुड के अनुसार : इतिहासकार ऐतिहासिक अभिनेता के विचारों की पुनरावृत्ति के अतीत का पुननिर्माण करता है।
★ हेनरी पिरेन के अनुसार : इतिहास समाज में रहने वाले मनुष्य के कार्यों और उपलब्धियों की कहानी है।
★प्रोफेसर J B ब्यूरी के अनुसार :इतिहास साहित्य की एक शाखा नहीं है वह एक विज्ञान है न उससे कम और अधिक।
★ महाभारत में इतिहास की परिभाषा धर्म अर्थ काम और मोक्ष से संबंधित है।
इस प्रकार इतिहास की परिभाषा में हमें विभिन्न विद्वानों के विभिन्न मत दिखाई देते हैं।
General meaning of history :
इतिहास मनुष्य के अतीत के दीर्घावधिक सफलताओं की ओर बढ़ते हुए कदमों के क्रमबद्ध अध्ययन को इतिहास कहते हैं। जहां आदिम बर्बर मानव निरंतर संघर्ष करता हुआ , विभिन्न परिस्थितियों से लड़ता हुआ पत्थरों को छोड़ वह ग्रामीण परिवेश में आया , अपने आप को विकसित किया और फिर धीरे-धीरे तेजी से सफलताओं की ओर बढ़ा बड़े-बड़े साम्राज्य निर्मित किए। कृषि संपन्न उपजाऊ क्षेत्रों पर कब्जा किया, व्यापार वाणिज्य को प्रोत्साहन दिया, भाषा एवं लिपि में सुधार किया, अर्थात आवश्यकता अनुसार मानव ने अपना बौद्धिक विकास किया। जिससे एक समृद्ध संस्कृति अथवा सभ्यता का जन्म हुआ , जो वर्तमान संदर्भ में हमें जीने की कला और भविष्य के लिए दिशा निर्देश देती है अर्थात इतिहास स्वर्णिम भविष्य रचता है फलस्वरूप मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है, और इतिहास उसे विकास की ओर तेजी से अग्रसित करता है।
Geographical background of history :
इतिहास के अध्ययन के लिए उसके भौगोलिक पक्ष महत्वपूर्ण रूप से उत्तरदाई होते हैं। भौगोलिक दृष्टिकोण से तात्पर्य भौगोलिक परिवेश में मानव जीवन जलवायु पर निर्भर करता है। जलवायु परिवर्तन नदियों का मार्ग बदल जाना क्रूर आक्रमणकारियों द्वारा आक्रमण की संभावनाएं आदि क्षेत्रीय विषमताओं का अध्ययन ऐतिहासिक शोध के लिए आवश्यक है। सदियों से भारतीय इतिहास के संदर्भ में हम पढ़ते आए हैं कि उत्तर-पश्चिम से अनेकों आक्रमणकारी अनेकों समुदायों ने भारत की ओर अपना रुख किया जिसे निर्जलीकरण की प्रक्रिया कहा जाता है । फलस्वरुप जीविकोपार्जन हेतु उत्तम जलवायु प्रदेश की और प्रवास करना । भारतीय इतिहास में हमने यूनानी, शक , कुषाण , हुणों आदि को भारत में शक्तिशाली आक्रांता ओं के रूप में देखा - पढ़ा जो पश्चिम की बदलती भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आए और भारतीय समृद्ध प्रदेशों पर राज्य किया और भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया जो उनके अभिलेखीय साक्ष्य और सिक्कों से पुष्टि होती है। इस संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के प्रोफेसर द्विजेंद्र नारायण झा और कृष्ण मोहन श्रीमाली के अनुसार एक निश्चित कालक्रम के संड कालक्रम के संदर्भ मे मानव संस्कृति व जिवोम ( Biome ) और आवास ( Habitate ) के दोनों पक्षों (मिट्टी एवं जलवायु)के बीच पारस्परिक संबंध । अर्थात कोई भी मानव संस्कृति निश्चित कालक्रम में एक दूसरे को करने वाले तीन कारकों के बीच संतुलन कायम रखती है। यदि इस संतुलन में कोई गंभीर बाधा आने लगती है तो परिवर्तन होने शुरू हो जाते है और इस प्रकार एक नवीन संतुलन स्थापित होता है। यह मानव संस्कृति का पारिस्थितिकी दृष्टिकोण कहलाता है।
इस प्रकार इतिहास विषय में भौगोलिक एवं ऐतिहासिक कारक महत्वपूर्ण रूप से उत्तरदाई रहते है जो इतिहास के क्रमबद्ध व्यवस्थित अध्ययन के लिए आवश्यक है।
शशांक शर्मा
इतिहास शोधार्थी
इतिहास के मूल भाव के बारे में बहुत ही अच्छे और सुंदर ढंग से सारगर्भित जानकारी के लिए धन्यवाद ����
ReplyDeleteधन्यवाद भाई 😊🙏
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ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास
ReplyDeleteइस लेख से
ReplyDeleteइतिहास के बारे मे बहुत ही अच्छी जानकारी मिली।
बहुत अच्छा प्रयास
ReplyDeleteइतिहास के मूल भाव को बहुत सुंदर व सुगठित भाषा का प्रयोग कर बहुत ही सारगर्भित लेख हैं।
ReplyDeleteThanks for everyone :-)
ReplyDeleteBahut khub 👌
ReplyDeleteAwesome Bhiya Ji👌👌👌
ReplyDeleteधन्यवाद सर ये महत्वपूर्ण जानकारियां देने के लिए
ReplyDeleteThanks to all 🙏😊
ReplyDeleteWell done Shashank. Keep it up
ReplyDeleteGreat (Y)
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteOk sir
ReplyDeleteSir video lecture b h kya aapke
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