विश्व पर्यावरण दिवस 2021
SHASHANK SHARMA
विश्व पर्यावरण दिवस 2021
पर्यावरण का भारतीय संस्कृति में हड़प्पा और वैदिक सभ्यता से ही अति महत्वपूर्ण संबंध रहा है , जिसमें आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दिव्य ( पवित्र ) तत्वों का समावेश है। ऐतिहासिक स्रोत में प्राप्त हड़प्पा सभ्यता में पीपल , नीम , बबूल आदि वृक्षों को पवित्र माना है साथ ही इन वृक्षों के संरक्षण का भी महत्व था जिसका प्रमाण सेलखड़ी की मोहरों से मिला है। वैदिक संस्कृति में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण को आध्यात्मिक उन्नति और शक्ति का मार्ग माना है । वैदिक ग्रंथों , उपनिषदों , पुराणों , महाकाव्यों आदि ग्रंथों में व्रक्षों , लताओं , नदियों, सरोवर आदि का सुंदर चित्रण और ज्ञान बोध मिलता है जो संरक्षण पर बल देते हैं। प्रकृति अपने आप में परिपूर्ण प्रत्यक्ष परमात्मा है इसकी अपूर्व सुंदरता मन को शांति और एकाग्र शक्ति को बढ़ाती है साथ ही हमारे जीवन में संतुलन ( भौतिक-आध्यात्मिक शक्ति संतुलन ) रखती हैं।
वृक्ष हमे शुद्ध वातावरण प्रदान करते है , वे विषेली गेसो का हनन करके वातावरण को शुद्ध और जीने योग्य बनाते है मानव , पशु -पक्षी , अथवा समस्त जीव को प्राण वायु प्रदान करते है जिससे हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते है ।
वर्तमान संदर्भ में पर्यावरण का महत्व
पर्यावरण एक महत्वपूर्ण जीवनदाई शैक्षिक विषय है , वर्तमान संदर्भ में पर्यावरण संरक्षण एवं संबंधी शिक्षा केवल विद्यालयों या महाविद्यालयों तक ही प्रभावी है अब इसे जन-जन तक पहुंचाना अति आवश्यक है । हम प्रकृति और पर्यावरण के अभिन्न अंग है अतः इसका संरक्षण एक " पर्यावरण संरक्षण क्रांति" के रूप में क्रियान्वित करना चाहिए जिससे हमे भरपूर प्राण वायु ऑक्सीजन , सुंदर ऊर्जा से भरपूर जीवन , और अच्छा मानसिक-आध्यात्मिक लाभ मिल सके। तो आओ हम सब मिलकर ये प्रण करे हमारी प्रकृति को सुंदर बनाए , व्रक्षारोपण करे और एक क्रांति के साथ संरक्षण में निस्वार्थ अपना-अपना योगदान दे। यह हम सभी की जीवन ऊर्जा का प्रश्न है यह बात ध्यान देने योग्य है।
★विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
महत्व
पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है।
World Environment Day 2020: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद है- लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना। प्रकृति बिना मानव जीवन संभव नहीं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हम यह समझें कि हमारे लिए पेड़-पौधे, जंगल, नदियां, झीलें, जमीन, पहाड़ कितने जरूरी हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम ‘जैव-विविधता’ ( ‘Celebrate Biodiversity’ ) थी । इस थीम के जरिए इस बार संदेश दिया जा रहा है कि जैव विविधता संरक्षण एवं प्राकृतिक संतुलन होना मानव जीवन के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी धरती के पर्यावरण को बनाये रखें।
विश्व पर्यावरण दिवस 2021
हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है और इस साल की थीम है 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली' (Ecosystem Restoration है। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली कई तरह से की जा सकती है, जैसे- शहर-गांव को हरा-भरा करना, पेड़ लगाना, जगह-जगह बगीचों को बनाना, नदियों और समुद्र की सफाई करना आदि।पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी को पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए।
★साल 2020 में पर्यावरण दिवस की थीम थी- "जैव विविधता, 2019 में इसकी थीम थी- वायु प्रदूषण। 2018 में इसकी थीम थी- बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन।
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम है, पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली। हम अक्सर पारिस्थितिक तंत्र और इसके पुनर्बहाली के बारे में बात करते हैं लेकिन क्या हम वास्तव में जानते हैं कि इसका क्या अर्थ है और इसमें क्या शामिल है और स्थानीय स्तर पर इसके लिए क्या किया जा सकता है? पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर इन बिंदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है।
-पारिस्थितिक तंत्र की बहाली का अर्थ है "क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके पारिस्थितिक तंत्र को फिर से उसकी रिकवरी में सहायता करना"। इसमें उन पारिस्थितिक तंत्रों का संरक्षण भी शामिल है जो नाजुक हैं या अभी भी बरकरार हैं।
-पारिस्थितिकी तंत्र को कई तरह से बहाल किया जा सकता है। पेड़ लगाना पर्यावरण की देखभाल के सबसे आसान और सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। पारिस्थितिक तंत्र को अनुकूलित और पुनर्स्थापित करने के लिए शहरी और ग्रामीण परिदृश्य में अलग-अलग तरीके हैं। लोगों को पर्यावरण पर दबाव को भी खत्म करने की जरूरत है।
इस पर्यावरण पर है सबका हक
इसलिए इसकी रक्षा भी करना
सबका कर्तव्य है।
पेड़ हमेशा हमें देते है
एक नयी ऊर्जा,
जो करती है
हमारी रक्षा।
नीर बचाये, वृक्ष लगाये
आओ हम सब पर्यावरण बचाये।
पेड़ लगाकर करें पर्यावरण
की सुरक्षा,
तभी होगी अपने जीवन
की रक्षा।
#SHASHANKsharma
Ladnun ( Nagaur )
"दिल से प्रकृति प्रेमी , वृक्ष है तो में हूं"
Nice Information Awareness For Nature Thanku So Much
ReplyDeleteThank you 💟
DeleteVery good👍
ReplyDeleteThank you 🙏
Delete👌👌🙏
ReplyDeleteThank you 😊
DeleteThank you 🙏
ReplyDeleteThank you 🙏
ReplyDeleteVery informative & nice
ReplyDeleteThank you 🙏
DeleteNice information sir ji
DeleteThank you 😊
DeleteGood information 🙏
ReplyDeleteपानी बिकने लगा है, हवा भी बिकने लगा है,
ReplyDeleteपर्यावरण प्रदूषण के कारण घरों में बीमारी बढ़ने लगा है.
जागरूक बने पेड़ लगायें, प्रदूषण को दूर भगाएँ